Sachchi Aur Romanchak Kahaniyan

Sachchi Aur Romanchak Kahaniyan

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जगह बदलते ही चीज़ें किस तरह बदल जाती हैं। डिब्‍बे के भीतर, मुझये सिर्फ चार पाँच इंच दूर हवा गुनगुनी थी। बिस्‍तर था, कम्‍बल था और मैं बाहर सिर्फ पाज़ामा कुर्ता पहने रेल के दरवाज़े से लटका ठण्‍ड से सिहर रहा था। सिर्फ चार इंच की दूरी ने जीवन को मौत की और धकेल दिया था। और ये चार इंच पार करना असंभव था।

इस संकलन में नामचीन कवि नरेश सक्‍सेना के जीवन की सच्‍ची और रोमांच से भरी कहानियाँ हैं। इनमें जिजीविषा, साहस और बूझ भी है।

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Age
Age 9+
Book Details
Author Naresh Saxena
Illustrator Various
Publisher Jugnoo Prakashan, an imprint of Ektara Trust
Year 2024
Binding Paperback
ISBN 978-81-9703-273-8
Language Hindi
No. of Pages 48
Size 9.25x7.50 inches
Colour Four Colour Print

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