Rampur Ki Ramleela
- Author: Neel
- Illustrator: Kavita Singh Kale
- Publisher: Jugnoo Prakashan, an imprint of Ektara Trust
- Product Code: Picture Book
- Availability: In Stock
हमारे शहर कस्बे और गाँवों में रामलीला के आयोजनों की परम्परा रही है। ज़्यादातर मण्डलियों के पास इतने कम साधन होते हैं कि किसी ना किसी चीज़ का टोटा बना रहता है। कभी तम्बू और कनात कम पड़ जाते हैं। तो कभी मुकुट और पोशाकें। कहीं पर राम और सीता भी कम पड़ जाते हैं! रामपुर में ऐन मौके पर ‘रावण’ कम पड़ गया।
ऐन मौके पर रावण की जुगाड़ करने से क्या हुआॽ ‘रामपुर की रामलीला’ इसी की कहानी है। कविता सिंह काले के किरदार बड़ी-बड़ी ऑंखों वाले होते हैं। जैसे वो ये देखते हों कि हम कितना ध्यान से देखते हैं। ध्यान से देखोगे तो आपको इनमें रामलीला की एक-एक तैयारी दिखेगी।
Age | |
Age | 3+ |
Book Details | |
Author | Neel |
Illustrator | Kavita Singh Kale |
Publisher | Jugnoo Prakashan, an imprint of Ektara Trust |
Year | 2024 |
Binding | Paperback |
ISBN | 978-81-9702-041-4 |
Language | Hindi |
No. of Pages | 16 |
Size | 6x6 inches |
Colour | Four Colour Print |
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Tags: Picture Book, Book, Neel, Kavita Singh Kale, Fiction, Hindi
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