आप अपनी गली के कुत्तों को कितना जानते हैंॽ जिनको किसी ने नहीं पाला वो सभी के भरोसे हमारे साथ रहते हैं। ‘एक था रामू’ भी गली के एक कुत्ते की कहानी है; जो ज़रा सी देखभाल से लेखक का आत्मीय बन गया। नीलेश गहलोत ने किताब के चित्र बनाये हैं, उन्होंने सिर्फ रामू नहीं बनाया। उसके दूसरे अनाम साथियों के चित्र भी बनाये। इनमें आप अपनी गली के कुत्ते को पहचान सकते हैं। रामू के ज़रिये से यह कहानी भी यही कहती है।
आपने कितने फूलों की बात सुनी हैॽ कितनों के पास दो घड़ी रहे हैंॽ फूल हो कि कुछ और हम कुछ के नाम ही जानते हैं। सिर्फ कुछ को जानने से सिर्फ कुछ ही ‘खास’ ..
कथा शुरू ऐसे होती है ……….एक है घोड़ा दो सवार हैं ….तीन लोक के चार द्वार हैं। यह अपनी हरियाली के लिये अपना बादल आप बनाने के सफर का किस्सा है। भटक भटक ..
लोक के विलोप की भाषा में कहा जाता है “भैंस दूध देती है।” लोक की भाषा में भैंस क्या काम आती है, यह बाद की बात होती है। पहले भैंस का एक नाम होता है। उस..
A tree is not just a tree. It is also a little bit air, a little sun, a little bit color, a little sky, and a little bit water. When it is cut, a litt..
Master storyteller, Vinod Kumar Shukla’s very moving short story of a man who wants to live in a house with a tree. His present house has a karanj tre..
यह किताब पढ़ी तो लगा कि सुशील शुक्ल पेड़ों की भाषा जानते हैं। पेड़ की भाषा जानने वाले मिट्टी, हवा, रंग और पानी भी भाषा भी जानते हैं। कि पेड़ की भाषा ..